चमोली, उत्तराखंड: हिमालय की शांत गोद में बसा, और कभी ‘भारत के आखिरी गांव’ के नाम से जाना जाने वाला Mana Village अब एक नई पहचान के साथ उभरा है – ‘भारत का पहला गांव’। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस ऐतिहासिक घोषणा के बाद, Mana Village अब सिर्फ एक भौगोलिक बिंदु नहीं, बल्कि विकास, पर्यटन और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गया है। यह बदलाव सिर्फ नाम का नहीं, बल्कि इस क्षेत्र में हो रहे चहुंमुखी विकास और बढ़ती पर्यटक गतिविधियों का परिचायक है, जो इसे देश भर में आकर्षण का केंद्र बना रहा है।

कहाँ है Mana Village और ‘भारत के पहले गांव’ की नई पहचान
Mana Village उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, जो समुद्र तल से लगभग 3,200 मीटर की ऊंचाई पर पवित्र बद्रीनाथ धाम से महज़ 3 किलोमीटर की दूरी पर बसा है। ऐतिहासिक रूप से, तिब्बत सीमा से सटा अंतिम भारतीय गांव होने के कारण इसे ‘भारत का आखिरी गांव’ कहा जाता था। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अक्टूबर 2022 में इस गांव का दौरा करने के बाद इसे ‘भारत का पहला गांव’ घोषित किया, जिसके बाद सीमा सड़क संगठन (BRO) ने भी यहां लगे साइनबोर्ड पर ‘भारत का अंतिम गांव’ की जगह ‘भारत का प्रथम गांव’ लिख दिया है। यह पहल इस क्षेत्र की रणनीतिक महत्ता और यहां के लोगों के राष्ट्र प्रेम को दर्शाती है। Mana Village के आगे अब केवल दुर्गम पहाड़ी रास्ते हैं जो तिब्बत की ओर जाते हैं, जिससे इसकी सामरिक और पर्यटन दोनों दृष्टियों से भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
Mana Village का पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व
Mana Village केवल अपनी नई पहचान के लिए ही नहीं, बल्कि अपने गहरे पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, यह वह पावन भूमि है जहाँ से पांडवों ने अपनी स्वर्गारोहिणी यात्रा का आरंभ किया था। मान्यता है कि इसी स्थान पर महर्षि वेद व्यास जी ने भगवान गणेश की सहायता से महाभारत जैसे विशाल ग्रंथ की रचना की थी। Mana Village में आज भी व्यास गुफा और गणेश गुफा मौजूद हैं, जो इन प्राचीन कथाओं को जीवंत करती हैं।
व्यास गुफा के बारे में कहा जाता है कि यहीं पर वेद व्यास जी ने ध्यान किया था, और गणेश गुफा वह स्थान है जहाँ बैठकर गणेश जी ने व्यास जी के मुख से महाभारत के श्लोकों को लिखा था। इन गुफाओं के पास ही रहस्यमयी सरस्वती नदी बहती है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह व्यास जी के कहने पर प्रकट हुई थी और कुछ ही दूरी पर अलकनंदा नदी में विलीन हो जाती है। Mana Village का हर कोना किसी न किसी प्राचीन कहानी और अध्यात्म से जुड़ा हुआ है, जो इसे सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि एक पवित्र तीर्थ स्थल का दर्जा दिलाता है।
पर्यटन के लिए क्यों मशहूर हो रहा है Mana Village? – हालिया अपडेट्स
हाल के वर्षों में, Mana Village एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में तेज़ी से उभरा है, जिसमें हालिया सरकारी पहल और जागरूकता अभियान एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। ‘भारत के पहले गांव’ की नई और सकारात्मक पहचान ने देशभर के पर्यटकों में इस गांव के प्रति उत्सुकता बढ़ा दी है।
हाल की खबरें बताती हैं कि बद्रीनाथ धाम आने वाले अधिकांश पर्यटक अब Mana Village की यात्रा को अपनी योजना में शामिल कर रहे हैं। यहां पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ मिल रहा है। सरकार ने गांव में होमस्टे और स्थानीय गाइडों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया है, ताकि पर्यटक स्थानीय संस्कृति का बेहतर अनुभव ले सकें। इसके अतिरिक्त, Mana Village की बेमिसाल प्राकृतिक सुंदरता – ऊंचे-ऊंचे बर्फीले पहाड़, शांत हरे-भरे घास के मैदान और कलकल करती नदियाँ – प्रकृति प्रेमियों और साहसिक गतिविधियों के शौकीनों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। यहाँ ट्रैकिंग और फोटोग्राफी के अवसर भी बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी Mana Village की तस्वीरें और कहानियां खूब वायरल हो रही हैं, जिससे इसकी लोकप्रियता में और इजाफा हुआ है।

सरकार और प्रशासन द्वारा किए गए प्रमुख बदलाव और विकास कार्य
उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन ने Mana Village को एक मॉडल पर्यटन स्थल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो इसकी नई पहचान के अनुरूप हैं।
- बेहतर कनेक्टिविटी: बद्रीनाथ से Mana Village तक की सड़क को बेहतर बनाया गया है, जिससे अब पर्यटकों के लिए यहां तक पहुंचना पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक हो गया है।
- बुनियादी ढांचा विकास: पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, गांव में बुनियादी सुविधाओं जैसे स्वच्छ शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था और पार्किंग स्थलों का विकास किया गया है। नए गेस्ट हाउस और होमस्टे भी स्थानीय निवासियों के सहयोग से विकसित किए जा रहे हैं।
- स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा: ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल के तहत, Mana Village के स्थानीय हस्तशिल्प जैसे ऊनी उत्पाद, पारंपरिक शॉल, टोपी और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को बेचने के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराए गए हैं। इससे स्थानीय भूटिया जनजाति के लोगों की आजीविका में सुधार हुआ है।
- स्वच्छता अभियान: गांव की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखने के लिए नियमित स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं और पर्यटकों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
- डिजिटल पहचान: Mana Village को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी प्रमोट किया जा रहा है, जिससे इसकी वैश्विक पहचान बन सके।
- ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’: सरकार की ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत Mana Village जैसे सीमांत गांवों को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि वहां से पलायन रुके और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलें।
इन सभी प्रयासों ने Mana Village को एक जीवंत और आकर्षक पर्यटन केंद्र में बदल दिया है।
Mana Village में देखने लायक स्थान
जब आप Mana Village आते हैं, तो कई ऐसे स्थल हैं जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना सकते हैं:
- व्यास गुफा (Vyas Gufa): यह वह पवित्र गुफा है जहाँ ऋषि वेद व्यास जी ने महाभारत की रचना की थी। गुफा के भीतर व्यास जी की एक मूर्ति स्थापित है।
- गणेश गुफा (Ganesh Gufa): व्यास गुफा से कुछ ही दूरी पर स्थित यह वह गुफा है जहाँ भगवान गणेश ने व्यास जी द्वारा बताई गई महाभारत को लिखा था।
- भीम पुल (Bhim Pul): सरस्वती नदी पर बना यह एक प्राकृतिक पत्थर का पुल है, जो अपनी भव्यता से मन मोह लेता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब पांडव स्वर्गारोहिणी यात्रा पर थे, तब भीम ने नदी पार करने के लिए एक विशाल शिला खंड रखा था।
- सरस्वती नदी का उद्गम (Origin of Saraswati River): यह एक छोटा और मनमोहक जलप्रपात है जहाँ से सरस्वती नदी पहाड़ों से नीचे गिरती है और कुछ ही दूरी पर अलकनंदा में मिल जाती है।
- केशव प्रयाग (Keshav Prayag): यह वह पवित्र स्थान है जहाँ सरस्वती नदी अलकनंदा नदी में मिलती है। यह एक महत्वपूर्ण संगम है और यहाँ का दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है।
- Mana Village के घर और दुकानें: गांव में घूमना और स्थानीय भूटिया जनजाति की अनूठी संस्कृति को करीब से देखना अपने आप में एक अनुभव है। यहाँ की छोटी-छोटी दुकानें सुंदर ऊनी उत्पाद, दुर्लभ जड़ी-बूटियाँ और स्थानीय हस्तशिल्प बेचती हैं। Mana Village में आप स्थानीय चाय और पकवानों का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं।
स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली
Mana Village मुख्य रूप से भूटिया जनजाति का निवास स्थान है, जिनकी अपनी एक समृद्ध और अद्वितीय संस्कृति है। ये लोग मौसम के अनुसार अपनी जीवनशैली को ढालते हैं – सर्दियों में जब भारी बर्फबारी होती है, तो वे निचले इलाकों में चले जाते हैं और गर्मियों में वापस Mana Village लौट आते हैं। इनकी जीवनशैली सरल और प्रकृति के बेहद करीब है। स्थानीय लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा, आकर्षक लोक संगीत और ऊर्जावान नृत्य के लिए जाने जाते हैं। ऊन कताई और बुनाई इनकी मुख्य कलाओं में से एक है, और यहाँ बने ऊनी शॉल, कंबल और कालीन अपनी गुणवत्ता और सुंदरता के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं।
Mana Village के लोग अत्यंत मेहमाननवाज होते हैं और पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। आप यहाँ के स्थानीय घरों में बनी गरमागरम ‘चाय’ का स्वाद ले सकते हैं, जिसे अक्सर ‘भुट्टिया चाय’ भी कहा जाता है, और स्थानीय पकवानों का आनंद ले सकते हैं। इस गांव में आकर आपको एक ऐसी दुनिया का अनुभव होगा जो शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर, शांत, प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण और प्राचीन परंपराओं से सराबोर है। Mana Village सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि एक जीवित संग्रहालय है जो सदियों पुरानी परंपराओं और एक अनूठी जीवनशैली को बड़े सम्मान के साथ संजोए हुए है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Mana Village कहां स्थित है?
Mana Village उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, जो बद्रीनाथ धाम से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है। यह भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित ‘भारत का पहला गांव’ है।
Mana Village कब जाना चाहिए?
Mana Village घूमने का सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर के बीच है, जब मौसम सुहावना होता है और सभी रास्ते खुले होते हैं। सर्दियों में (नवंबर से अप्रैल) भारी बर्फबारी के कारण यह गांव अक्सर दुर्गम हो जाता है।
Mana Village में क्या खास है?
Mana Village अपनी अनूठी ‘भारत के पहले गांव’ की पहचान, व्यास गुफा, गणेश गुफा, भीम पुल जैसे पौराणिक स्थलों, सरस्वती नदी के उद्गम और भूटिया जनजाति की अनूठी संस्कृति और हस्तशिल्प के लिए खास है। इसकी मनोरम प्राकृतिक सुंदरता भी पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है।
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मैं एक passionate Blogger और Content Writer हैं, जो पिछले 2 वर्षों से Uttarakhand की आध्यात्मिक धरोहर, धार्मिक स्थलों और देवकथाओं पर आधारित कंटेंट लिखते आ रहा हैं।
मेरा उद्देश्य है कि उत्तराखंड की पवित्र भूमि — जिसे Devbhumi कहा जाता है — उसकी दिव्यता, मंदिरों की महिमा और लोक आस्था से जुड़ी कहानियाँ पूरे देश और दुनिया तक पहुँचाई जाएँ।
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