
अगर आप बद्रीनाथ धाम जाने की तयारी कर रहे है तो ये Ultimate Travel Guide खास आपके लिए है , उत्तराखंड का एक पवित्र धार्मिक स्थल है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। लेकिन इस यात्रा का असली मजा रास्ते में पड़ने वाली अद्भुत जगहों को एक्सप्लोर करने में है। अगर आप Char Dham Yatra पर जा रहे हैं, तो इन खास स्थानों को मिस न करें। आपकी इस मंगलमय यात्रा मे हरिद्वार से बद्रीनाथ ओर बद्रीनाथ के आसपास आने वाले उन स्थानों के बारे मे जरूर जाने ।
Haridwar to Badrinath Yatra Route: यात्रा को और भी खास बनाएंगे ये पड़ाव
1.Haridwar – देवताओं का निवास स्थान

हरिद्वार में Har Ki Pauri पर गंगा स्नान करना पुण्यदायी माना जाता है। शाम की Ganga Aarti देखकर आपका मन शांत हो जाएगा। यहां के प्राचीन मंदिरों के दर्शन भी जरूर करें। हरिद्वार को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता, यह वास्तव में देवताओं का निवास स्थान है। गंगा यहाँ पर्वतों से उतरकर मैदानों की ओर बढ़ती है और इस पावन भूमि को छूती है। हर की पौड़ी की गंगा आरती एक अलौकिक अनुभव है, जो आत्मा को भीतर तक स्पर्श करती है। यहाँ के मंदिर, संतों की वाणी और आध्यात्मिक वातावरण मन को शांति से भर देते हैं। चाहे स्नान हो या ध्यान, हरिद्वार की हर एक गली में भक्ति की मिठास घुली हुई है। एक बार यहां आओ, तो मन यहीं रम जाए।
2. Rishikesh – आध्यात्म और एडवेंचर का संगम

यह “योग की राजधानी” गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां की Ganga Aarti देखने लायक है, Laxman Jhula पर जरूर घूमें और अगर एडवेंचर पसंद है तो river rafting का मजा लें। ऋषिकेश एक ऐसा स्थान है जहाँ आध्यात्म और एडवेंचर का अनोखा संगम देखने को मिलता है। हिमालय की गोद में बसा यह शहर योग, ध्यान और शांति के लिए विस्वभर में प्रसिद्ध है। वहीं दूसरी ओर, यहाँ का वाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग, बंजी जंपिंग और कैंपिंग जैसे साहसिक गतिविधियाँ युवाओं को आकर्षित करती हैं। लक्ष्मण झूला से गंगा का दृश्य मन मोह लेता है और यहाँ की आरती आत्मा को सुकून देती है। ऋषिकेश वह जगह है जहाँ शरीर को ऊर्जा और मन को शांति एक साथ मिलती है।
3. Devprayag – पवित्र नदियों का संगम

यह वह जगह है जहां Alaknanda और Bhagirathi नदियां मिलकर गंगा का निर्माण करती हैं।। यह दृश्य न केवल भौगोलिक रूप से अद्भुत है, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यहाँ के शांत वातावरण और पहाड़ी सौंदर्य में एक अलौकिक आकर्षण छिपा है। संगम स्थल पर बैठकर बहती नदियों की ध्वनि में ईश्वर की अनुभूति होती है। यहाँ का रघुनाथ मंदिर और तपस्वियों की उपस्थिति इस स्थान को और भी पवित्र बना देती है। देवप्रयाग में आकर हर यात्री को आत्मिक शांति और ऊर्जा का अनुभव जरूर होता है।
4. Srinagar (Garhwal) – प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर

कश्मीर वाले श्रीनगर से अलग, श्रीनगर, गढ़वाल का एक ऐसा शहर है जो प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर है। अलकनंदा नदी के किनारे बसा यह नगर पहाड़ों, हरियाली और शांत वातावरण से सजा हुआ है। यहाँ का मौसम सुहावना होता है और सूर्यास्त का नज़ारा मन मोह लेता है। श्रीनगर शिक्षा, इतिहास और तीर्थ की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, जहाँ हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय स्थित है। चारधाम यात्रा के रास्ते में पड़ने वाला यह स्थान यात्रियों को आराम और प्राकृतिक सुकून प्रदान करता है। अगर आप शांति और सुंदरता एक साथ पाना चाहते हैं, तो श्रीनगर जरूर आइए।
5. Rudraprayag – भगवान शिव की नगरी
रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड का एक दिव्य स्थल है जिसे भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। यहां Alaknanda और Mandakini नदियां मिलती हैं। और संगम का दृश्य अत्यंत पावन और मनोहारी होता है। कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव ने नारद मुनि को संगीत का वरदान दिया था। यहाँ का रुद्रनाथ मंदिर और प्राकृतिक सौंदर्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों को ही आकर्षित करता है। पहाड़ों की गोद में बसा यह स्थान भक्ति, शांति और रोमांच का अद्भुत संगम है। रुद्रप्रयाग में हर श्वास शिवमय हो जाती है।
6. Joshimath – जहाँ शीतकाल में ठहरते हैं भगवान बद्री विशाल
जोशीमठ एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक नगर है जो बद्रीनाथ धाम का शीतकालीन निवास स्थान माना जाता है। सर्दियों में जब बद्रीनाथ के कपाट बंद हो जाते हैं, तो भगवान बद्री विशाल की पूजा यहीं की जाती है। यह नगर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह औली और हिमालयी ट्रेक्स के लिए भी बेस पॉइंट है। यहाँ स्थित अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित मठ श्रद्धालुओं को गहराई से प्रभावित करता है। जोशीमठ की शांत वादियाँ, बर्फ से ढकी चोटियाँ और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलकर इसे एक विशेष अनुभव बनाती हैं।
7.Auli – बर्फ़ की सफ़ेद चादर में लिपटी स्वर्ग जैसी घाटी!

अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं, तो औली आपकी लिस्ट में जरूर होना चाहिए। उत्तराखंड की गोद में बसा यह खूबसूरत हिल स्टेशन अपनी बर्फ़ीली ढलानों, स्कीइंग ट्रैक्स और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यहाँ के ऊँचे पहाड़ और देवदार के जंगल आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं। विंटर में औली बर्फ़ से ढक जाता है, जो स्की लवर्स के लिए स्वर्ग बन जाता है। रोमांच, प्राकृतिक सुंदरता और शांति का अद्भुत संगम है औली – एक बार जरूर जाएं!
8. Vishnuprayag – शांति और आध्यात्म का केंद्र
यहां Alaknanda और Dhauliganga नदियों का मिलन होता है। और यह संगम दिव्य ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। कहा जाता है कि यहीं पर भगवान विष्णु ने तपस्या की थी, जिससे इस स्थान को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त हुआ। बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच बहती नदियाँ और चारों ओर फैली शांति मन को एक अलग ही सुकून देती है। यहाँ आकर न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि प्रकृति की सुंदरता भी मन को मंत्रमुग्ध कर देती है। विष्णुप्रयाग एक सच्चा ध्यान और साधना का केंद्र है।
9. Badrinath – यात्रा का अंतिम पड़ाव

Badrinath Temple में भगवान विष्णु के दर्शन करें, Tapt Kund में स्नान करें और Mana Village घूमने जरूर जाएं। बद्रीनाथ धाम चारधाम यात्रा का अंतिम लेकिन सबसे प्रमुख पड़ाव है। यह पवित्र मंदिर भगवान विष्णु के बद्री रूप को समर्पित है और समुद्र तल से लगभग 10,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। नीलकंठ पर्वत की छाया, अलकनंदा की कल-कल ध्वनि और चारों ओर फैला आध्यात्मिक वातावरण यहाँ आने वाले हर श्रद्धालु को एक गहरे अनुभव से भर देता है। यहाँ की पूजा-विधि, तुलसी माला की सुगंध और मंदिर की शिखर से उठता धूप का धुआँ मन को पूरी तरह भक्ति में डुबो देता है। बद्रीनाथ पहुँचकर लगता है जैसे यात्रा अब पूरी हुई है।
मंदिर के बाद भी बाकी है बहुत कुछ” – बद्रीनाथ के आसपास घूमने वाली सबसे खास जगहें

1. Charanpaduka – भगवान बद्री विशाल के चरणों का पवित्र स्थल
चरणपदुका, बद्रीनाथ से लगभग 3 किमी दूर स्थित एक पवित्र स्थल है, जहाँ कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने अपना पहला कदम रखा था। यह स्थल एक छोटे से मंदिर के रूप में स्थापित है, और यहाँ से बद्रीनाथ धाम का दृश्य अत्यंत खूबसूरत नजर आता है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु भगवान के चरणों को छूकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। चरणपदुका का धार्मिक महत्व और इसकी प्राकृतिक सुंदरता इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाती है, जहाँ आध्यात्मिक शांति और मानसिक सुकून का अनुभव होता है।
2. Bheem Pul – भीम की विशाल कूद
भीम पुल, बद्रीनाथ के पास एक अद्भुत स्थल है । यह पुल भगवान भीम द्वारा बनाया गया है एसा माना जाता है, जो महाभारत के महान योद्धा थे। यह पुल प्राकृतिक रूप से एक बड़ी चट्टान के ऊपर स्थित है, जो आज भी अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
3. Vyasa Gufa – महर्षि व्यास की तपस्थली
ब्यास गुफा, बद्रीनाथ के पास एक पवित्र गुफा है, जहाँ महर्षि व्यास ने अपने जीवन का अधिकांश समय ध्यान और साधना में बिताया था। इस गुफा को महाभारत के रचनाकार महर्षि व्यास से जोड़ा जाता है, जिन्होंने यहाँ पर ध्यान करके वेदों और पुराणों का लेखन किया था। गुफा में एक छोटा सा मंदिर भी स्थित है, जहाँ श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हैं।
4. Pandukeshwar – पांडवों का पवित्र स्थान
पंडुकेश्वर, बद्रीनाथ के पास स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो पांडवों से जुड़ा हुआ है। यह स्थान पांडवों के पिता, राजा पांडु के नाम पर रखा गया है, और यहाँ एक प्रसिद्ध मंदिर भी स्थित है। माना जाता है कि पांडवों ने यहाँ तपस्या की थी और उनके द्वारा बनवाए गए मंदिर आज भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।
निष्कर्ष:
बद्रीनाथ यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर है। इन जगहों को घूमकर आप अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं।
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मैं एक passionate Blogger और Content Writer हैं, जो पिछले 2 वर्षों से Uttarakhand की आध्यात्मिक धरोहर, धार्मिक स्थलों और देवकथाओं पर आधारित कंटेंट लिखते आ रहा हैं।
मेरा उद्देश्य है कि उत्तराखंड की पवित्र भूमि — जिसे Devbhumi कहा जाता है — उसकी दिव्यता, मंदिरों की महिमा और लोक आस्था से जुड़ी कहानियाँ पूरे देश और दुनिया तक पहुँचाई जाएँ।
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