
Uttarakhand news: Kedarnath Dham में World Yoga Day पर योग-भक्ति का समागम
रुद्रप्रयाग (Uttarakhand), 21 जून 2025 – आज के ‘World Yoga Day’ पर केदारनाथ धाम में योग और भक्ति का ऐसा मिलन देखा गया, जो हिमालय की पवित्र वादियों में जीवन का संदेश लेकर आया। भगवान केदारनाथ के मंदिर परिसर में स्थानीय प्रशासन, साधु-संत एवं हजारों तीर्थयात्रियों ने योगाभ्यास किया, जो आत्मा को सशक्त बनाते हुए शरीर को स्वस्थ रखने का संदेश रहा। इस अनूठे आयोजन का उद्देश्य न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना था, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ मन-मस्तिष्क को जोड़ना भी था।
Enhanced Yoga Configurations: आयोजक और प्रमुख व्यक्ति
- इस कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय जिला प्रशासन एवं देवस्थानम बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसमें मुख्य रूप से योग निदेशालय Uttarakhand और AYUSH विभाग की टीमों ने योगदान दिया ।
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पूर्वाभ्यास सत्र में भाग लिया, जहां उन्होंने कहा कि योग “अंतर्मन की शांति और आत्मबोध का मार्ग है” ।
- आयोजन में अन्य उपस्थितियों में प्रमुख योग शिक्षक, स्थानीय आयुष चिकित्सक और विदेशी प्रतिभागी भी शामिल हुए। कवायद के दौरान विदेशी कूटनीतिक प्रतिनिधियों जैसे इक्वाडोर, जापान समेत अन्य देशों के राजदूतों का भी आगमन हुआ, जो रिषिकेश में योग शिविरों को देखने पहुंचे ।
Devotion and Wellness: सामूहिक योगाभ्यास
केदारनाथ स्थानीय समयानुसार सुबह 6:30 बजे से शुरू हुआ, जिसमें “Common Yoga Protocol” के अंतर्गत मुख्य आसन— ताड़ासन, अनुलोम-विलोम, भुजंगासन, और शवासन—कराए गए। इन अभ्यासों का उद्देश्य मन को स्थिर करना और देह को मजबूत बनाना था।
स्थानीय साधु-संतों ने “गायत्री मंत्र” और “मंत्र जाप” से वातावरण को और भी आध्यात्मिक बना दिया, जिससे योगाभ्यास में एक नई ऊर्जा और भक्ति जुड़ गई।
स्थानीय श्रद्धालु और पर्यटक इस योग साधना में पूरे मन से हिस्सा ले रहे थे। कई लोगों ने बताया कि इस अनुभव ने मानसिक शांति और आत्मिक उत्साह दोनों को बढ़ाया।
Uttarakhand Yoga Policy & Tourism Boost
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार और गैरीसैन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में Yoga Policy–2025 का शुभारंभ भी किया ।
- इस नीति के तहत हिल्स क्षेत्रों में योग केन्द्र स्थापना के लिए ₹20 लाख तक और मैदानी क्षेत्रों में ₹10 लाख तक के अनुदान की घोषणा की गई है।
- 2030 तक प्रदेश में पाँच नए योग हब बनाने की योजना, और सभी AYUSH सेन्टरों में योग सुविधाओं को 2026 तक उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है ।
- यह नीति केदारनाथ समेत देवभूमि को न केवल एक धार्मिक केंद्र बनाती है, बल्कि ‘wellness tourism’ के वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करती है।
Local Voices: भक्तों की प्रतिक्रिया
सुबह के योग अभ्यास के दौरान स्थानीय निवासी गीता देवी ने बताया,
“यह योग सत्र सिर्फ शारीरिक व्यायाम नहीं बल्कि आत्मिक अनुभव रहा। केदारनाथ की पवित्रता से मन को बहुत शांति मिली।”
वहीं, हिंदी पाठशाला की शिक्षिका सुमन गुप्ता ने कहा,
“आज मैंने बच्चों के साथ भी हिस्सा लिया। प्रकृति और देवस्थान की ऊर्जा से उन्हें ध्यान लगाने में मदद मिली।”
Global Integration: अंतरराष्ट्रीय सहभागिता
- रिषिकेश में आयोजित ‘Yoga Sangam’ में इक्वाडोर के राजदूत Fernando Bucheli ने कहा, “Ecuador बहुत दूर है लेकिन हम यहाँ भारत की आत्मा से जुड़े– योग के जरिये।”
- जापान के राजनयिक Noriaki Abe ने योग को “मन-मस्तिष्क को जोड़ने वाली शक्ति” बताया।
What’s Next for Uttarakhand Yoga?
- 21 जून की पवित्र समाप्ति के बाद भी प्रदेश में बॉर्डर गांवों और स्कूल-आयुष केन्द्रों में योग के प्रशिक्षण जारी रहेंगे, जैसा कि UTDB (Tourism Development Board) ने Remote Border विकेंद्रीकरण कार्यक्रमों के तहत योजनाएं प्रस्तुत की हैं।
- आगामी महीनों में केदारनाथ, रिषिकेश, हरिद्वार, और गैरीसैन में नियमित योग शिविर और ‘wellness retreats’ आयोजित किए जाएंगे।
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मैं एक passionate Blogger और Content Writer हैं, जो पिछले 2 वर्षों से Uttarakhand की आध्यात्मिक धरोहर, धार्मिक स्थलों और देवकथाओं पर आधारित कंटेंट लिखते आ रहा हैं।
मेरा उद्देश्य है कि उत्तराखंड की पवित्र भूमि — जिसे Devbhumi कहा जाता है — उसकी दिव्यता, मंदिरों की महिमा और लोक आस्था से जुड़ी कहानियाँ पूरे देश और दुनिया तक पहुँचाई जाएँ।
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इसी सोच के साथ हम अपने लेखों के माध्यम से लोगों को आध्यात्मिक ऊर्जा से जोड़ने का प्रयास करते हैं।